ओमैक्स सिटी के बिल्डर को ऑन रिकार्ड बताना होगा कितना लिया प्लाटधारकों से बाहरी व आंतरिक विकास शुल्क

 


ओमैक्स सिटी के बिल्डर को ऑन रिकार्ड बताना होगा कितना लिया प्लाटधारकों से बाहरी व आंतरिक विकास शुल्क


ओमैक्स सिटी में बिजली, पानी, सीवरेज व सफाई की सुविधाएं देने के लिए गृहमंत्री अनिल विज की हिदायत पर गठित आठ सदस्यीय कमेटी की मंगलवार को दोपहर निगम कार्यालय में मीटिंग होगी। मीटिंग की अध्यक्षता निगम आयुक्त प्रदीप गोदारा करेंगे। जबकि एडीसी महेंद्र पाल के अलावा हुडा, नगर योजनाकार, पब्लिक हेल्थ व बिजली निगम के अधिकारियों के अलावा जिला कष्ट निवारण समिति के सदस्य रमेश भाटिया, सतीश आहुजा और ओमैक्स सिटी निवासी आशीष पाराशर सदस्य के तौर पर मौजूद रहेंगे। मीटिंग में ओमैक्स सिटी की तरफ से लिखित में कमेटी को बताना होगा कि वे प्लाट होल्डर से कितना आंतरिक व बाहरी विकास शुल्क ले रहे हैं। सरकार की तरफ से बिल्डर के तौर लाइसेंस देते समय कितना तय किया गया था। इसके अलावा ओमैक्स सिटी वासियों से भी लिखित में मांगा जाएगा कि उनको क्या-क्या समस्याएं हैं।


 

बता दें कि 14 फरवरी को जिला कष्ट निवारण समिति की मीटिंग थी। मीटिंग में गृहमंत्री अनिल विज ने आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। साथ ही हिदायत दी कि कमेटी ओमैक्स सिटी को लाइसेंस मिलने से लेकर अब तक आ रही दिक्कतों की गहराई से जांच पड़ताल करे। इसके लिए कमेटी 19 फरवरी को पहली मीटिंग कर चुकी है। मीटिंग में ओमैक्स सिटी वासियों ने कंपनी पर आरोपों की झड़ी लगा दी थी, लेकिन कंपनी मैनेजर अनिल गुप्ता ने आरोप नकारे, लेकिन दस्तावेज नहीं दे सके थे। अधिकारियों ने कंपनी मैनेजर से लिखित में जवाब मांगा था।
निगम ने मांगा था 2.20 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स
पांच दिन पहले हुई मीटिंग में निगम आयुक्त प्रदीप गोदारा ने ओमैक्स सिटी के मैनेजर से बकाया 2.20 करोड़ रुपये बकाया प्रॉपर्टी टैक्स मांगा था। साथ ही टैक्स जमा नहीं कराया तो सख्ती कार्रवाई होगी। अब मंगलवार को निगम प्रशासन बकाया टैक्स भी कंपनी से मांग सकता है।
लाखों खर्च कर सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे 700 परिवार
ओमैक्स सिटी में 700 परिवारों ने लाखों रुपये खर्च करके आशियाना खरीदा था, लेकिन बिजली, पानी, सीवर से लेकर सफाई व सुरक्षा तक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। यहां तक घरों में सप्लाई किया जाने वाला पानी भी पीने योग्य नहीं है। सीवर की व्यवस्था भी बदहाल है। सड़कें टूटी हुई हैं और सफाई व्यवस्था ध्वस्त है। ओमैक्स सिटी के चारों तरफ चहारदीवारी भी नहीं है।